Know the most efficient way to avoid corona | कोरोना से बचने का सबसे कारगर तरीका जानिए

Know the most efficient way to avoid corona |
कोरोना से बचने का सबसे कारगर तरीका जानिए 



डॉ परमेश्वर अरोरा अभी सर गंगाराम अस्पताल में सीनियर कंसलटेंट है आयुर्वेद के बड़े और प्रसिद्ध डॉक्टर है सही खुराक और जीवन शैली की कोचिंग देते है बड़ी गंभीरता के साथ बताना चाहूंगा कि दो चीजों को बहुत हाईलाइट किया जा रहा है जो बहुत जरूरी भी है 

उसमें नंबर एक पर है सोशल डिस्टेंसिंग क्योंकि हम सब जानते हैं कि यह कम्युनिकेबल डिजीज है तो हमें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन जरूर करनी है नंबर दो बार बार हाथ धोये यानि स्वच्छता की बात की जा रही है यह भी बहुत जरूरी है

नंबर तीन पे मैं चाहता हूं कि इम्युनिटी जो आपने रोग प्रतिरोधक क्षमता एक शब्द का इस्तेमाल किया इसको जो है समान रूप से इंपोर्टेंस देनी चाहिए क्योंकि हम यह देख रहे हैं कि जो लोग इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड हैं वह ज्यादा इफ्फेक्ट हो रहे हैं वही मॉडेलिटी रेट ज्यादा है हम लोग इटली का एग्जांपल ले स्पेन का एग्जांपल ले तो वहां पर मैंने देखा जो उम्रदराज लोग थे बुजुर्ग लोग थे वो इंफेक्शन हुए और बाद में मॉडेलिटी लोगों की मृत्यु भी वहीं पर हुई है 

जो युवा है वह इतना प्रभावित नहीं हो रहा है जो कैंसर के पेशेंट्स हैं एड्स के पेशेंट हैं जब कोई भी क्रिटिकल है उनको यहां पर मॉडेलिटी ज्यादा देखने को मिल रही है तो इम्युनिटी जो है उसका जो role है वो है इसको कंट्रोल करने में होगा हम भाग्यशाली है कि हमारे पास आयुर्वेद जैसा एक विज्ञान है 

देखो यह कहा जाता है कि यह रिसर्च चाहिए रिसर्च चाहिए तो हमारे यहां तो हजारों साल पहले रिसर्च हो चुकी है हम लोग जो हैं जब हम यह बोल रहे हैं कि inicial सभी यह बोल रहे हैं कि यह कोरोनावायरस सामान्य फ्लू वायरस के जैसा ही है इसकी स्प्रेड  करने की स्पीड बहुत अधिक है इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज्ड पेशेंट में इसकी जो है मोटिलिटी थोड़ी सी अधिक है 

लेकिन यह भी फ्लू की तरह ही ट्रीट अगर करें तो मुझे ऐसा लगता है कि काफी हद तक इस पर कंट्रोल पाए जा सकता है और यह जो हमने काढ़ा बताया जिसमें हमने सोंठ काली मिर्च पीपली का प्रयोग किया हमने हरिद्रा दारूहरिद्र मुलेठी का प्रयोग किया तुलसी गिलोय का प्रयोग किया लॉन्ग इलायची दालचीनी का प्रयोग किया तो यह सब जो मेडिसिन है ये proven एंटीवायरल मेडिसिन है 

आज निश्चित रूप से एक शोध का विषय है  कोरोना पर कितनी प्रभावी है लेकिन as preventive मेडिसिन तो इनको बिल्कुल लिया जा सकता है उनसे किसी तरह के नुकसान की संभावना नहीं है तो आप इस काढ़े को पीजिए  फिर आपको जो है आपको बताया कि गर्म पानी आप पीते रहिए बहुत अच्छी बात है आप जो है मुंह में लॉन्ग चुसिए काले मिर्च चुसिए  मैं पान के पत्ते में थोड़ा सा कथा लगा कर के जो है लॉन्ग ईलायची  रखकर चूसने के लिए बोल रहा हूं 

क्योंकि जरूरी नहीं है कि यह वायरस जो है ये जब अपने डिजिस के फॉर्म में जाये पूरी etiopathogenesis हो जाये तभी आप उसको जो है ट्रीट कीजिए या अटैक कीजिए आप जब यह मुँह में आपके एंट्री लेता है या नाक में आपके एंट्री  लेता है आप उसी समय डिजीज प्रोसेस शुरू होने से पहले ही इसको न्यूट्रलाइज कर सकते हैं इन सब गरम मसालों के द्वारा और यह सब proven चीजें हैं लेकिन आप कोई बात नहीं हल्दी नमक पानी का बाफ लीजिये आप हल्दी और नमक के पानी से  गरारे कीजिये

आप पान के पत्ते को भी लेकर के सरसों के तेल को पकाले उस तेल को आप नाक में लगाएं नाक में तेल लगाने से मैं कहता हूं फायदा क्या होगा बाद में डिस्कस करेंगे लेकिन पहले नुकसान क्या हो जाएगा जब कभी भी हमारी वायु दूषित हो और आप घर से बाहर जाए तो उस दूषित वायु से बचने के लिए नाक में तेल लगाकर के जाएं तो यह जो है आज की कल्पना ही नहीं है तो आज फनतास्मिक आया है यह कोई सिचुएशन नहीं है हमारे आयुर्वेद में जनपद वंश के नाम से पूरा एक अध्याय हैं और उसमें पहला काम यह लिखा है कि आप अपने घर में जाएं सात्विक भोजन करें और सात्विक जीवनशैली अपनाये  

हमारी इम्युनिटी हैं वह केवल हमारे खान-पान पर depend नहीं करते हमारा माइंड का किस तरह का जो हमारीअप्रोच है हमारा मानसिक बल कितना अधिक है उन सब पर depend करता है इस समय यदि आप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करते हैं तो वह आपको कहीं ना कहीं आपके फेफड़ों को मजबूत करता जो कि एक तरह से टारगेट ऑर्गन है कोरोना  वायरस का 

सबसे पहले तो आपको डीप ब्रिदिंग करनी है जिसे हम बोलते हैं माइंडफुल डीप ब्रिदिंग आप कोई भी आदमी बैठ करके रखेंगे ध्यान रहे कि आप कोशिश करें कि आपकी रीड की हड्डी बिल्कुल सीधी रहे उस समय सबसे पहले तो आपको डीप ब्रिदिंग आप जितना अच्छे से सांस अंदर ले सकते हैं उतना लीजिए उसके बाद बहार छोड़ दिजिए उसके बाद प्राणायाम करे अनुलोम विलोम प्राणायामकपालभाती प्राणायाम है नेट पर देखकर भी आप सीख सकते हैं अगर आप प्राणायाम में नहीं जाना चाहते सिंपल से बैठ कर के make sure रीढ़ की हड्डी सीधी रहे जितना हो सके उतना डीप ब्रिदिंग करे का उच्चारण कीजिए उससे आपके फेफड़े मजबूत होते हैं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं 

भारत के मोटिलिटी रेट जो है अगर परसेंटेज वाइज देखे तो काफी कम है और इसमें मेरा अपना मानना यह है कि आज सरकार चाहे हमें बताएं ना बताएं लेकिन यहां का हर घर हर व्यक्ति जानता है कि इस तरह की कंडीशन में उसको घर में चाय में अदरक डालनी है काली मिर्च डालनी है तो तुलसी डालनी है दालचीनी डालनी है इलायची डालनी है

हल्दी वला दूध पीना है गरम पानी पीना है भाप लेनी है और मुझे ऐसा लगता है कि आज अगर जो है हमें कॉमेडी स्प्रेड देखने को नहीं मिल रहा है तो उसमें काफी कुछ तो है यह जो घर के नुस्खे हैं जो proven है मैं फिर कह रहा हूं शास्त्रों में चवनप्राश जिक्र है कि अगर ऐसी कंडीशन में जहां पर आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता अपनी बढ़ानी हो तो सबसे पहले च्यवनप्राश खाये



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